पवज ऊर्जा कम्पनियों की करतूतों में फंसा राजपूत समाज
हाल ही जैसलमेर पुलिस द्वारा 19 वर्ष के एक नवयुवक को गोलियों से भून देने की घटना के बाद अचानक "राजपूत सोसायटी" पत्रिका के नंबर 2014 "जैसलमेर विशेषांक" में पत्रिका के प्रधान संपादक उपेन्द्रसिंह जी राठौड़...
View Articleकन्नौज नरेश जयचंद के प्रति बदलता नजरिया
इतिहास शुद्धिकरण प्रयास का असर: महाराज जयचंद के प्रति बदल रहा नजरिया Kannauj Naresh Maharaj Jaichand History in Hindiकिसी भी धोखेबाज, देशद्रोही या गद्दार के लिए जयचंद नाम मुहावरे की तरह प्रयोग किया...
View Articleराष्ट्रीय नायक महाराणा प्रताप
National Hero Maharana Pratap History in Hindiपच्चीस वर्ष कष्टों के, प्रताप ने वन में सहे थे। स्वतन्त्रता के दीवानों, का भी यही था तराना।वीर शिरोमणि प्रातः स्मरणीय राणा प्रताप का जन्म वि.सं. 1596 जेष्ठ...
View Articleदिल्ली के तोमर
History of Tomar Rajvansh in Hindiचंदरबरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो में अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि उसने ही ‘‘लाल-कोट’’ (वर्तमान लाल किला) का निर्माण करवाया था।...
View Articleपृथ्वीराज चौहान: महानतम हिन्दू शासक
Prithviraj Chauhan : The Great Hindu Kingलेखक : सचिन सिंह गौड़, संपादक, सिंह गर्जना भारत वर्ष के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान को उनकी जयंती पर समर्पित खोज परक लेखों की एक विशेष श्रंखला जिसका...
View Articleबच्चों के भविष्य के साथ, ठीक नहीं खिलवाड़
कुम्हार के घड़े की मिट्टी की तरह होता है नन्हा बालक, जिसे माता-पिता व गुरूजन जैसा बनाना चाहें वैसा बना सकते हैं। परिवार शिशु की प्रथम पाठशाला है। माता-पिता के क्रिया-कलापों, उनके आचरण, उनके व्यवहार को...
View Articleहल्दीघाटी युद्ध v/s दिवेर युद्ध
Haldighati war v/s Diver war story in Hindiहल्दीघाटी युद्ध महाराणा प्रताप ने अपनों के साथ लड़ा, उसका क्या निर्णय हुआ वह हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता| लेकिन हल्दीघाटी युद्ध हमारी संस्कृति में इसलिए बहुत...
View Articleएक क्रांतिकारी का ठाकुर जी प्रतिमा के आगे शस्त्र समर्पण
26 अगस्त 1915 ई. को सलेमाबाद में निम्बार्क पीठ के राधा-कृष्ण के भव्य मंदिर को ए.जी.जी. राजपुताना के सैक्रेटरी और इंस्पेक्टर जनरल पुलिस मिस्टर केई ने नसीराबाद छावनी के 50 सैनिकों, पुलिस दल व किशनगढ़...
View Articleमंदिरों पर पंचरंगा ध्वज और राजा मानसिंह आमेर
किसी भी राजा या धर्म की ध्वजा उनके वर्चस्व, प्रतिष्ठा, बल और इष्टदेव का प्रतीक होता है। हर राजा, देश या धर्म की अपनी अपनी अलग अलग रंग की ध्वजा (झण्डा) होती है। सनातन धर्म के मंदिरों में भगवा व पंचरंगा...
View Articleराजा मानसिंह आमेर और सनातन धर्म
आमेर के इतिहास प्रसिद्ध राजा मानसिंह सनातन धर्म के अनन्य उपासक थे. वे सनातन धर्म के सभी देवी और देवताओं के भक्त थे व स्वधर्म में प्रचलित सभी सम्प्रदायों का समान रूप से आदर करते थे| उनकी धार्मिक आस्था...
View Articleतांत्या टोपे की फांसी का सच
Truth of Tantya Tope's hangingसन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के चर्चित और महत्त्वपूर्ण नायक तांत्या टोपे के बारे में इतिहास में प्रचलित है कि- "तांत्या टोपे को उनके एक सहयोगी राजा मानसिंह कछवाह...
View Articleराजा मानसिंह द्वारा वाराणसी में निर्मित मानमंदिर व घाट
Man Mandir Varansiआमेर के राजा मानसिंह ने देश के विभन्न भागों में बहुत से मंदिरों का निर्माण करवाया व कई मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया, हरिद्वार में हर की पौड़ी बनवाई| अपने इसी धार्मिक क्रियाकलापों की...
View Articleअनूठी मित्रता
सच्चा, हर परिस्थिति में साथ देने वाला मित्र मिलना किसी भी व्यक्ति के जीवन में अमूल्य उपहार मिलने से कम नहीं है| किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक मित्र ही ऐसा होता है, जिस पर व्यक्ति अथाह भरोसा करते हुये...
View Articleदलित सम्मान की एक अनूठी क्षत्रिय परम्परा
राजस्थान के राजपूत समाज में दलितों को सम्मान देने के लिए सदियों से कई ऐसी परम्पराएं चली आ रही है, जिन्हें आज भी सुचारू रूप से निभाया जाता है| राजस्थान में सदियों तक शासन करने वाली राजपूत जाति द्वारा...
View Articleसामाजिक समरसता के प्रतीक लोक देवता बाबा रामदेव पीर
Lok Devta Baba Ramdev, Runichaभारत की इस पवित्र धरती पर समय समय पर अनेक संतों, महात्माओं, वीरों व सत्पुरुषों ने जन्म लिया है। युग की आवश्कतानुसार उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व के बल से, दुखों से...
View Articleभूस्वामी आन्दोलन
Bhoo Swami Aandolan 1956 by Rajput Community In Rajasthan आजादी के बाद कांग्रेस नेताओं ने राजपूत जाति को शक्तिहीन करने के लिए सत्ता का प्रयोग करते हुए उनकी जागीरें समाप्त करने हेतु जागीरदारी उन्मूलन...
View Articleकरणी माता देशनोक बीकानेर
Karni Mata Deshnok, Bikanerराजस्थान के बीकानेर शहर से 32 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में बीकानेर नागौर सड़क मार्ग पर देशनोक बसा हुआ है। इसी देशनोक में विश्व में चूहों वाले मंदिर के नाम विख्यात, शक्ति के...
View Articleपुण्डीर व दाहीमा क्षत्रियों की कुलदेवी दधिमती माता
भारतीय स्थापत्यकला एवं मूर्तिकला का गौरव, प्रतिहारकालीन मंदिर स्थापत्य मूर्तिकला का सुन्दर उदाहरण, प्राचीन भारतीय वास्तुकला की उत्कृष्ट कला का प्रतिनिधित्व करता, दधिमती माता का मंदिर राजस्थान के नागौर...
View Articleभाटी वंश की कुलदेवी स्वांगियां माता
Bhati Vansh ki Kuldevi Swangiya Mata भाटी वंश की कुलदेवी स्वांगियां माता राजस्थान के जनमानस में आस्था की प्रतीक लोकदेवियों, कुलदेवियों के उद्भवसूत्र पर यदि दृष्टि डाली जाये तो हम पायेंगे कि शक्ति की...
View Articleमहाराजा अनूपसिंह ने औरंगजेब की क्रूरता से बचाई थी देश की बौद्धिक सम्पदा
औरंगजेब का शासनकाल हिन्दुओं के लिए संकट का समय था. हालाँकि हिन्दू राजाओं के साथ उसकी संधियाँ और राज्य की सुरक्षा के लिए उन पर निर्भरता उसके साम्प्रदायिक शासन पर एक तरह से अंकुश लगाने में कामयाब रही फिर...
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