आर. टी. आई : सूचना का अधिकार
Sushil SinghEditor- Haryana Prabhat Timesसूचना के अधिकार अधिनियम के दस पूरे होने पर इस अधिनियम पर विचार व्यक्त कर रहे है फरीदाबाद, हरियाणा से प्रकाशित होने वाले हिंदी समाचार पत्र "हरियाणा प्रभात...
View Articleयूरोपियन यूनियन का वेब साईट कुकीज कानून समाधान
यूरोपियन यूनियन कमीशनद्वारा वेब साईट कुकीज को लेकर बनाये कानूनके बाद पिछले तीन दिन से ब्लॉगर डेशबोर्ड पर निम्न सन्देश दिखाई दे रहा है|European Union laws require you to give European Union visitors...
View Articleभारत के प्रमाणिक इतिहास-लेखन में अवरोधक तत्व
अधिकतर भारतीय इतिहासकारों को हम दो वर्गों में रख सकते है| पहले वर्ग में वे इतिहासकार है जो भारतीय इतिहास की विरासत को आवश्यकता से अधिक महत्त्व देते है| दूसरे वर्ग में हम उन इतिहासकारों की गणना कर सकते...
View Articleआधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन ज्ञान का संगम
क्षत्रिय चिन्तक देवीसिंह, महार (Devi Singh, Mahar) अपने ज्यादातर उदबोधनों में आधुनिक शिक्षा प्रणाली में आत्मीयता के भाव की कमी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, आधुनिक शिक्षा (Modern Education) में यह...
View Articleक्या होता यदि पृथ्वीराज गौरी का वध कर देता ?
लेखक : सचिन सिंह गौड़, संपादक, "सिंह गर्जना"पृथ्वीराज चैहान को समर्पित इस विशेष श्रंखला के प्रथम भाग को हमनें इस प्रश्न के साथ समाप्त किया था कि- क्या होता यदि तराइन के दूसरे युद्ध में (1192) पृथ्वीराज...
View Articleकौन था गायत्री मंत्र का रचियता ?
जिस प्रकार भारत में पुष्कर Pushkar को तीर्थराज माना जाता है उसी प्रकार मन्त्रों में भी गायत्री मंत्र Gayatri Mantra को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह वास्तव में सूर्य नारायण का मंत्र है और उससे भी आगे...
View Articleभारतीय राजाओं को हर बार महंगी पड़ी उदारता
भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही सहिष्णुता, उदारता, परमार्थ आदि गुणों के लिए प्रसिद्ध रही है| विदेशी आक्रान्ताओं के साथ भी हमारे यहाँ के शासकों ने संस्कृति अनुरूप उचित व्यवहार किया| शत्रु...
View Articleनरेगा ने नरक बना दिए ग्रामीण रास्ते
जब सरकार ने महात्मा गाँधी के नाम से मनरेगा (Narega) के रूप में देश के बेरोजगारों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी तो लोगों ने इसे ऐतिहासिक बताया| मजदुर हितों से जुड़े संगठनों ने भी इसे मजदूरों की जीत...
View Articleराष्ट्र व समाजद्रोह के नये पैमाने घड़ने में लगे ठेकेदार
जब से मानव समाज के रूप में रहने लगा, मानव की रहन-सहन संस्कृति विकसित हुई| मानव द्वारा सामाजिक व राज व्यवस्था स्थापित करने के बाद समाज व राष्ट्र के विरोधी कार्य को समाज व राष्ट्रद्रोह के रूप में जाना...
View Articleजब जूठा खाना प्रमाण बना
मेवाड़ के महाराणा विक्रमादित्य की हत्या कर बणवीर (Banveer) चितौड़ का शासक बन गया था| विक्रमादित्य के छोटे भाई उदयसिंह (Maharana Udaisingh) जो अब मेवाड़ राजगद्दी का असली वारिस था, को स्वामिभक्त पन्नाधाय...
View Articleकब शुरू हुआ क्षत्रियों के नामांत में सिंह पद का प्रयोग
विक्रम की 11वीं, 12वीं सदी के क्षत्रिय इतिहास में नाम के अंत में सिंह शब्द का प्रयोग बहुत कम मिलता है| ज्यादातर राजाओं के नाम के आगे दास, मल आदि कैसे राजा भगवान दास, सूरजमल, आदि या बिना पद नाम शब्द के...
View Articleहल्दीघाटी युद्ध के बाद महाराणा प्रताप के पास नहीं थी धन की कमी : टॉड ने फैलाई...
हल्दीघाटी के युद्ध के बाद स्वंतन्त्रता के पुजारी, आन-बान के प्रतीक, दुश्मन के आगे सिर ना झुकाने वाले महाराणा प्रताप मेवाड़ राज्य को मुगलों से आजाद कराने के लिए पहाड़ों में चले गये और वहां से मुग़ल सेना पर...
View Articleकौन था चितौड़ का बणवीर ?
पन्नाधाय द्वारा बणवीर (Banveer) से चितौड़ के भावी शासक उदयसिंह (Maharana Udaisingh) की रक्षा के लिए अपने पुत्र के बलिदान की कथा देश का लगभग हर नागरिक जानता है| चितौड़ के शासक राणा विक्रमादित्य की हत्या...
View Articleराणा सांगा के चित्र में सांप का रहस्य
आपने इतिहास प्रसिद्ध मेवाड़ के शासक राणा सांगा (Maharana Sangram Singh) का पेड़ ने नीचे सोते हुए एक चित्र अवश्य देखा होगा, इस चित्र में अपना फन उठाये एक सांप भी नजर आता है| चित्र को देखकर हर व्यक्ति के...
View Articleक्या महाराणा प्रताप को खानी पड़ी थी घास की रोटियां? या टॉड ने फैलाई भ्रान्ति
अकबर के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान महाराणा ने महल त्याग कर पहाड़ों में रहकर अकबर की शाही सेना के खिलाफ निरंतर संघर्ष जारी रखा| इस संघर्ष पर अपनी कलम चलाते हुए कई लेखकों, रचनाकारों ने कविताएं लिखी,...
View Articleचितौड़ का राजकुमार पृथ्वीराज
चित्र काल्पनिक है, जो गूगल खोज से लिया गया है|कुंवर पृथ्वी सिंह जिन्हें पृथ्वीराज के नाम से भी इतिहास में जाना जाता है, मेवाड़ के महाराणा रायमल के ज्येष्ठ पुत्र थे व इतिहास प्रसिद्ध महाराणा सांगा के बड़े...
View Articleऔरंगजेब की धर्मान्धता, क्रूरता का प्रत्यक्ष सबूत
जब से दिल्ली की औरंगजेब रोड़ का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति स्व.अब्दुल कलाम के नाम कर दिया गया, तब से सरकार के इस निर्णय के खिलाफ तथाकथित सेकुलर स्यापा जारी है| वामपंथियों सहित कई सेकुलर लेखक उस धर्मांध...
View Articleटीवी चैनल इतिहास को दूषित करने वाले सबसे बड़े तत्व
भारत के इतिहास को दूषित और विकृत कर उसमें मनघडंत झूंठे किस्से, कहानियां जोड़कर जहाँ वामपंथी व कथित सेकुलर लेखक प्रमाणित इतिहास लेखन में बाधक तत्व साबित हुए, उससे ज्यादा इतिहास को तोड़ मरोड़कर ऐतिहासिक...
View Articleभूले बिसरे नायक : अदम्य साहसी कप्तान फुल सिंह (आई.एन.ए)
Freedom Fighter Capt.Phool Singh, INAगुडगाँव के राजीव चैक से ,गुडगाँव-अलवर राष्ट्रीय राज मार्ग संख्या 248-ए पर(पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग-8), मात्र 11 किलो मीटर की दूरी पर एक गांव बसा है-भूबड़े सिंह,...
View Articleस्थानीय संस्कृति समझे बिना लिखा इतिहास भ्रामक ही होगा
कर्नल टॉड ने राजस्थान का इतिहास लिखा, ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़कर लिखने की उसकी मंशा भले ना हो पर उसने बिना शोध किये, सुनी सुनाई बातों पर लिखकर कई ऐतिहासिक भ्रांतियां फैला दी| राजस्थान के मूर्धन्य...
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